डायबिटीज़, जिसे आम भाषा में शुगर कहा जाता है, एक ऐसी बीमारी है जिससे दुनिया में काफी लोग ग्रसित हैं। जितना आम ये सुनना है कि किसी को ये बीमारी है, डायबिटीज़ के कारण होने वाली समस्याएं ऐसी होती हैं जिनसे शरीर धीरे धीरे कमज़ोर होने लगता है । शुगर होने पर शरीर में परिवर्तन होना लाजमी है किंतु डायबिटीज़ के लक्षण और संकेत समय से पहचान लेने से इसे संभाला जा सकता है और शुगर का प्रभाव शरीर पर रोका जा सकता है । ये करने का एक तरीका है कृष्णा का डायबिक केयर जूस जो डायबिटीज़ का एकदम नेचुरल और आयुर्वेदिक इलाज है । ये जूस लेने से डायबिटीज़ की समस्याएं काफी हद तक निवारित हो सकती हैं । किंतु कुछ भी इलाज शुरू करने से पहले ज़रूरी है कि उस बीमारी की पूरी समझ हो । ये लेख आपको डायबिटीज़ की पूरी जानकारी देगा और आपको सही इलाज की सलाह देगा ।
डायबिटीज़ के लक्षण और संकेत
डायबिटीज़ को अगर जल्दी पकड़ लिया जाए तो उससे होने वाली समस्याओं का निवारण किया जा सकता है । इसके लिए जरूरी है कि आपको डायबिटीज़ के लक्षण और संकेत की समझ हो । ये शरीर में धीरे धीरे विकसित होते हैं और काफी सामान्य होने की वजह से अक्सर लोग इन्हें नजरंदाज कर देते हैं । किंतु इन लक्षणों को जान लेने से आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं । सबसे मुख्य लक्षण कुछ इस प्रकार हैं –
- अत्यधिक प्यास लगना
डायबिटीज़ की वजह से रक्त में शक्कर का स्तर बढ़ जाता है जिस वजह से शरीर में तरलता कम हो जाती है और शरीर ज्यादा तरल पदार्थों की मांग करता है । इस वजह से अत्यधिक प्यास लगती है और बार बार पानी पीने का मन करता है ।
- अत्यधिक भूख लगना
डायबिटीज़ होने पर शरीर ग्लूकोज का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता और व्यक्ति को हमेशा ऊर्जा की कमी महसूस होती है । इस वजह से हमेशा कुछ खाने का मन करता है और भूख अत्यधिक बढ़ जाती है ।
- वजन घटना
डायबिटीज़ होने से इन्सुलिन की कमी होती है जिस कारण ऊर्जा प्राप्त करने के लिए शरीर वसा जिसे एक्स्ट्रा fat कहते है का उपयोग करने लगता है । परिणाम स्वरूप वजन घटने लगता है ।
- घाव भरने में समय लगना
डायबिटीज़ की वजह से शरीर में रक्त का संचार प्रभावित होता है जिस वजह से घाव जल्दी नहीं भर पाते ।
- अत्यधिक पेशाब आना
डायबिटीज़ की वजह से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है जो पेशाब में भी बढ़ जाती है । इससे पेशाब भी ज्यादा और बार बार आता है ।
- थकान एवं चक्कर आना
डायबिटीज़ में शरीर में इन्सुलिन की मात्रा कम होने की वजह से ऊर्जा का संचार ठीक तरह से नहीं हो पाता और थकान महसूस होती है । ऊर्जा नही होने के कारण चक्कर भी आते हैं ।
- मतली एवं उल्टी आना
डायबिटीज़ में रक्त में शक्कर की मात्रा के बढ़ने या घटने से या फिर रक्तचाप सही ना होने की वजह से अक्सर मतली या उल्टी होने जैसी समस्या होती है ।
- धुंधली दृष्टि
डायबिटीज़ की एक समस्या ये भी है की उसका असर आंखों पर होने लगता है और अक्सर दृष्टि धुंधली हो जाती है ।
- संक्रमण या त्वचा की समस्या
डायबिटीज़ से इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है जिस वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और शरीर में त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं ।
डायबिटीज़ के स्वास्थ पर प्रभाव
डायबिटीज़ का प्रभाव पूरे शरीर पर होता है जिससे जीवन की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है । कुछ स्वास्थ संबंधी प्रभाव इस प्रकार है :
- डायबिटीज़ और शारीरिक दिक्कतें
शुगर होने की वजह से इम्यून सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है जिस वजह से काफी शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं । संक्रमण से होने वाली बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है । इसके अलावा हड्डियों का रोग, हृदय रोग, सांस लेने में कठिनाइयां होना, गर्भावस्था में तकलीफ, किडनी की समस्या, आंखों से कम दिखना, त्वचा संबंधी तकलीफें, इत्यादि होने की संभावना भी बढ़ जाती है ।
- डायबिटीज़ और मानसिक दिक्कतें
डायबिटीज़ होने की वजह से निरंतर थकान एवं तनाव महसूस होता है । शारीरिक समस्याओं से भी व्यक्ति तंग हो जाता है । इस कारण व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ पर भी असर पड़ता है और वो डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है ।
- जीवन प्रत्याशा में कमी
डायबिटीज़ होने की वजह से अन्य स्वास्थ संबंधी तकलीफें भी होती हैं जिस वजह से व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और उसकी उमर भी कम हो सकती है । इससे जीवन प्रत्याशा में कमी आती है ।
डायबिटीज़ के कारण होने वाली बीमारियां
डायबिटीज़ के कारण शरीर में काफी परिवर्तन आता है और उससे स्वास्थ संबंधी परेशानियां होती हैं । ये बीमारी शरीर के प्रमुख अंगों को प्रभावित करती है जिससे काफी बीमारियां हो सकती हैं । कुछ डायबिटीज़ से होने वाली बीमारियों इस प्रकार हैं :
- फुट अल्सर
डायबिटीज़ से शरीर में रक्त के संचार पर प्रभाव पड़ता है और रक्त ठीक तरह से पैरों तक नहीं पहुंच पाता है । इस कारण फुट अल्सर जैसी बीमारियां हो सकती हैं ।
- हाइपोग्लाइसीमिया
ये ऐसी स्तिथि है जिसमें शरीर में शुगर लेवल बहुत ज्यादा कम हो जाता है और तनाव एवं चक्कर भी आने लगते हैं । ये स्तिथि डायबिटीज़ के इलाज की वजह से हो सकती है ।
- गर्भावस्था में जटिलताएं
गर्भवती महिलाओं में शुगर होने से उनकी गर्भावस्था में जटिलताएं बढ़ सकती हैं जैसे उन्हें समय से पहले प्रसव हो सकता है और शिशु को भी स्वास्थ संबंधी समस्याएं होने की संभावना होती है ।
- हाई ब्लड प्रेशर
डायबिटीज़ से रक्त में शक्कर का लेवल ज्यादा और इन्सुलिन की कमी होने की वजह से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है ।
- लिवर की बीमारियां
डायबिटीज़ का असर लीवर पर भी होता है और इस कारण लीवर की बीमारियां जैसे फैटी लीवर डिजीज हो सकती है ।
डायबिटीज़ के प्रबंधन में “कृष्णा का डायबिक केयर जूस” की भूमिका
डायबिटीज़ को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक है क्योंकि सही प्रबंधन से इसे होने वाली स्वास्थ संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। कृष्णा का डायबिक केयर जूस इस प्रबंधन और नियंत्रण में सहायता कर सकता है । ये एक प्राकृतिक औषधि है जो विशेष जड़ी बूटियों से बनी है । इसमें अदरक, नीम, जामुन, करेला, इत्यादि भी होते हैं जो शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं । इससे रक्त शक्कर का स्तर नियंत्रित रहता है और शरीर को पोषण तत्व भी प्राप्त होते हैं । इसका सेवन इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है और शरीर में ऊर्जा भी बढ़ता है ।
निष्कर्ष
डायबिटीज़ एक गंभीर समस्या है जिसका समय से उपचार करना आवश्यक है । इसके लिए आवश्यक है सही जीवन शैली रखना । कृष्णा का डायबिक केयर जूस जैसी प्राकृतिक औषधियां भी डायबिटीज़ को नियंत्रित रखने में लाभकारी हैं । डायबिटीज़ का प्रबंधन ही उसका सबसे अच्छा उपचार है । स्वस्थ रहें, सजग रहें!